लखनऊ। प्रदेश के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को करारा झटका लगा है। पार्टी और राज्य की योगी सरकार द्वारा पूरी ताकत झोंक देने के बावजूद हार का मुंह देखना पड़ा। मुख्यमंत्री योगी से लेकर डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक ने उपचुनाव में ताबड़तोड़ जनसभाएं कीं। वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के मुखिया ओम प्रकाश राजभर और निषाद पार्टी के डा. संजय निषाद ने घोसी में बकायदा कैंप किया लेकिन बावजूद इसके दारा सिंह चौहान के हिस्से में हार आयी और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह विजयी हुए। ऐसे में सवाल यह है आखिर यह परिणाम क्यों आये और इसका जिम्मेदार कौन है ?
भाजपा तो इस हार की समीक्षा करेगी ही लेकिन सबसे बड़ा कारण भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान का बार-बार दल बदलना रहा। स्थानीय मतदाताओं ने अभी पिछले ही साल दारा सिंह चौहान को सपा प्रत्याशी के रुप में जिताकर विधानसभा भेजा था लेकिन उन्होंने पाला बदलकर भाजपा का दामन फिर से थाम लिया। वहीं वह घोसी के मूल निवासी भी नहीं हैं। ऐसे में इस बार यह बात भी जमकर प्रचारित की गयी और चुनाव स्थानीय बनाम बाहरी हो गया। लेकिन बीजेपी को इसका अनुमान था लिहाजा जनता को मनाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, कैबिनेट मंत्री संजय निषाद सहित पूरी मंत्रियों की फौज भी गांवों में उतर गई थी। फिर भी मतदाताओं ने अपना फैसला नहीं बदला और सपा के पक्ष में जनादेश दे दिया। उधर, एनडीए में दोबारा शामिल होने के बाद सुभासपा का यह पहला चुनाव था। ओमप्रकाश राजभर चुनाव में पूरे समय डटे रहे लेकिन भाजपा को वोट दिला पाने में असफल रहे। वहीं दूसरी तरफ शिवपाल यादव भी घोसी में अपने पुराने अंदाज में पूरे समय डटे रहे। ऐसे में जाहिर है कि पार्टी में उनका कद और बढ़ेगा।
