प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पत्नी के साथ किए अक्षरधाम के दर्शन

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नई दिल्ली। अक्षरधाम मंदिर की सुंदरता और इसके शांति, सद्भाव और एक बेहतर इंसान बनने के सार्वभौमिक संदेश से काफी अभिभूत हैं। यह न केवल पूजा स्थल है, बल्कि एक मील का पत्थर है जो भारत के मूल्यों, संस्कृति और विश्व में योगदान को चित्रित करता है। यह विश्वास, भक्ति और सद्भाव के शाश्वत हिंदू आध्यात्मिक संदेशों को बढ़ावा देता है। मुझे और मेरी पत्नी को भगवान स्वामीनारायण व भगवान श्रीराम के दर्शन कर काफी खुशी हुई है। उक्त भाव ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने व्यक्त किए। वह रविवार सुबह अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ भगवान स्वामीनारायण के दर्शनों के लिए अक्षरधाम मंदिर पहुंचे थे। ऋषि ने कहा कि ब्रिटेन में वह इन्हीं मूल्यों और संस्कृति को ब्रिटिश भारतीय समुदाय द्वारा देश में किए गए सकारात्मक योगदान के माध्यम से देखते हैं। मंदिर प्रबंधन ने बताया कि प्रधानमंत्री ऋषि और उनका काफिला रविवार सुबह पौने सात बजे मंदिर पहुंचा था। मंदिर में वे करीब 45 मिनट तक रुके। मंदिर के स्वामियों व अन्य पदाधिकारियों ने पारंपरिक हिंदू तरीके से माला पहनाकर, माथे पर टीका लगाकर उनका स्वागत किया गया। मंत्रोच्चारण के साथ उनके हाथ में रक्षा सूत्र भी बांधा गया। मुख्य मंदिर के अंदर दंपति ने श्री नीलकंठ वर्णी महाराज की मूर्ति पर अभिषेक भी किया और विश्व शांति, प्रगति और सद्भाव के लिए प्रार्थना की। संस्था के वरिष्ठ स्वामी ब्रह्मविहारी ने कहा कि अक्षरधाम में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का स्वागत करना और महंत स्वामी महाराज के शांति, एकता और सार्वजनिक सेवा के संदेश को साझा करना सम्मान की बात थी। भारत के साथ ब्रिटेन का रिश्ता दोस्ती के बंधन पर बना है।

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