अलीगढ़। वित्त मंत्री निर्मला सीता रमन ने संसद में अपने कार्यकाल का छठ बजट पेश किया है, जिसमें समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है, परंतु पता नहीं क्यों व्यापारी समाज की मांगों को अनदेखा कर दिया है। प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष व जिलाध्यक्ष प्रदीप गंगा ने कहा कि व्यापारी समाज लगातार ज्ञापन के माध्यम से मान्य वित्त मंत्री के समक्ष अपनी मांगों को प्रस्तुत करता रहा है। कुटीर घरेलू लघु उद्योग व रिटेल के छोटे मझौले दुकानदारों की बेसिक जरूरतों को अनदेखा किया गया है। 1.72 लाख करोड़ का रिकार्ड तोड़ जीएसटी संग्रह के बाबजूद व्यापारियों को जीएसटी मे कोई छूट नहीं दी गयी है, जीएसटी जैसे कानून में सरलीकरण ना होने से पूरे भारत का व्यापारी जुर्मानों की प्रतिज्ञा से पीड़ित है। 2017-18, 2018-19 के वर्षों में जिस प्रकार छोटी-छोटी चंद रुपए की भूल पर जीएसटी विभाग द्वारा जुर्माना लगाया जा रहा है, इससे व्यापार नष्ट होने की कगार पर है। व्यापारियों ने नगद लेन-देन की सीमा बढ़ानें, मंडी शुल्क समाप्त करने, व्यापारी पेंशन, बाजारों को बचाने के लिए ऑनलाइन व्यापार पर दस प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स, आटा, कपड़ा आदि को जीएसटी मुक्त करने आदि मांगों को सिरे से नकार दिया गया है।
- बजट पर बोले उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पदाधिकारी
उद्योग व्यापार मण्डल के पदाधिकारी महानगर अध्यक्ष सतीश माहेश्वरी ने कहा कि जैसी की आशा थी यह अंतरिम बजट है, कोई ज्यादा उम्मीद करना ही गलत होता। जैसा की शेयर बाजार में बूम चल रहा है, उन्हीं सेक्टर रिन्यूअल एनर्जी, मीडियम हाउसिंग, एग्रीकल्चर में ही कुछ घोषणा वित्त मंत्री ने की है, बजट में नेगेटिव तो कुछ भी नही है, मिडिल क्लास के लिए 2 करोड़ नए घरों की घोषणा से अलीगढ़ की हार्डवेयर उद्योग को लाभ होगा। 1 करोड़ सोलर रूफ पैनल लगा कर मुफ्त बिजली की घोषणा बहुत स्वागत योग्य है, इससे क्रूड इंपोर्ट भी घटेगा।
ओपी राठी चेयरमैन ने बताया कि आयकर में कोई बदलाव नहीं हुआ, टूरिज्म में और ज्यादा अवसर दिए जा रहे है। अलीगढ़ की किसी भी इंडस्ट्री को कोई डायरेक्ट राहत नहीं है। किशन गुप्ता कोषाध्यक्ष ने कहा कि आयकर में पुराने मामलों में वर्ष 2009- 2010 तक की 25 हजार व उसके बाद 2014-2015 तक की 10 हजार तक की मांग समाप्त करना स्वागत योग्य है। रिसर्च व इनोवेशन पर ज्यादा ध्यान किया गया है। यह देश के निर्माण का बजट है।