शिक्षा के अधिकार तहत निजी स्कूल सरकारी आदेशों का कर रहे उल्लंघन

अलीगढ़
  • निजी स्कूल में अभिभावकों संग दुर्व्यवहार शर्मनाक

अलीगढ़। संयुक्त श्रमिक किसान मोर्चा सह-संयोजक जितेंद्र शर्मा ने बताया कि 19 अप्रैल 24 को जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित कर अवगत कराएं जाने बाद भी संज्ञान नहीं लिया गया, जबकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, या आरटीई अधिनियम 2009, भारतीय संसद द्वारा 4 अगस्त, 2009 को पारित किया गया था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) के अनुसार, यह भारत में 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की आवश्यकता बताता है, लेकिन अलीगढ़ में निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों साथ दुर्व्यवहार एवं दाखिला नहीं दिया जाता। खण्ड विकास अधिकारी नगर के आदेशों को फाड़कर फेंक चुनौती देते स्कूल प्रबंधन समिति ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल रामघाट रोड द्वारा अविभावकों को दी जाती है, दुर्व्यवहार कर कहा जाता है कि किसी अधिकारी के आदेशों में दम नहीं जो दाखिला करा सके।
संयुक्त श्रमिक किसान मोर्चा सह-संयोजक जितेंद्र शर्मा ने बताया कि अलीगढ़ में अभिभावकगण बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं, तमाम स्कूल दाखिला नहीं दे रहे हैं। खण्ड विकास अधिकारी नगर, एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कहीं सुनवाई तक नहीं हो रही है। आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी प्रशासनिक अधिकारियों की बनी हुई है जो निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों को अपमानित करने पर दाखिला नहीं दिया जाता और जिला प्रशासन मौन है?
संयुक्त श्रमिक किसान मोर्चा द्वारा छात्र वेदांश वशिष्ठ के दाखिले को लेकर जिला अधिकारी को ज्ञापन प्रेषित किया गया और तीन हफ्ते बीतने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो सकी? क्या अलीगढ़ के अभिभावकों एवं छोटे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे निजी स्कूलों पर कार्यवाही जिलाधिकारी के दायरे से बाहर है? निजी स्कूल संचालक चुनौती देते हैं। क्या सरकारी योजनाओं को छोटे बच्चों को लागू योजना शिक्षा का अधिकार अलीगढ़ में दम तोड देंगी? क्या अलीगढ़ के अभिभावकों एवं बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे निजी स्कूलों को मनमानी करने छूट दी गई है? क्या माफिया राज अभिभावकों को झेलना पड़ेगा? शीघ्र संज्ञान नहीं लिया गया तो संयुक्त श्रमिक किसान मोर्चा किसान मजदूर हितों साथ अलीगढ़ के अभिभावकों एवं बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे निजी स्कूलों खिलाफ मोर्चा खोलेगा।

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