नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा एसएफजे और उसके संरक्षक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ की गई जांच से मिले नए सबूतों का हवाला देते हुए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) पर अगले पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर ली है।
एनआईए एसएफजे और अमेरिकी नागरिक पन्नू के खिलाफ आधा दर्जन मामलों की जांच कर रही है। एजेंसी ने पिछले साल पंजाब और चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश में उसकी संपत्तियां जब्त की थीं। एसएफजे पर पहली बार 10 जुलाई, 2019 को यूएपीए के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया था। एनआईए के मुताबिक, पन्नू आतंकी कृत्यों और गतिविधियों को बढ़ावा देने और उन्हें अंजाम देने तथा पंजाब और भारत के अन्य हिस्सों में धमकियों और धमकाने की रणनीति के जरिए भय और आतंक फैलाने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। एजेंसी के अनुसार, एनआईए जांच में यह भी पता चला है कि पन्नू का संगठन, सिख फॉर जस्टिस, भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकवादी अपराध और गतिविधियों के लिए उकसाने के लिए साइबर स्पेस का दुरुपयोग कर रहा था।
