पार्षदों के सवालों में फंसे नगर निगम के अधिकारी

अलीगढ़

– पार्षद बोले बजट पास करने के लिए विशेष अधिवेशन बुलाएं
– पार्षद बोले, वार्डों में नहीं हो रहा है काम

अलीगढ़। नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक काफी हंगामेदार रही। नगर निगम की कार्यप्रणाली से खफा पार्षदों ने सदन में जमकर हंगामा किया। पार्षदों के सवालों में घिरे से नगर निगम के अफसर प्रश्नों का उत्तर नहीं दे पाए। जलकल, विज्ञापन, पथप्रकाश, स्वास्थ्य, निर्माण, उद्यान विभाग में व्याप्त अनियमित्ता, नियम विरुद्ध किए गए भुगतान व सामान की खरीद को लेकर उपसभापति कुलदीप पांडेय ने सवाल खड़े किए। नगर आयुक्त ने होर्डिंग व जलकल विभाग में हुई अनियमितता पर जांच कमेटी गठित करने की बात कही, जिसमें पार्षद भी शामिल होंगे।
भाजपा मेयर प्रशांत सिंघल के निर्वाचित होने के बाद सोमवार को जवाहर भवन में नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक बुलाई गई। वंदे मातरम के बाद सुबह 11 बजे सदन शुरू हुआ। सचिव सचिवालय अशोक कुमार सिंह के शुरूआत करते ही उपसभापति कुलदीप पांडेय, पार्षद अनिल सेंगर, पार्षद मुशर्रफ हुसैन महजर समेत अन्य ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि सामान्य अधिवेशन में बजट को नहीं रखा जा सकता है। पार्षदों ने सर्वसम्मति से कार्यकारिणी में पास बजट को सदन में पास करने से इनकार कर दिया। पार्षदों ने कहा कि एजेंडा नगर निगम ने जारी कर दिया, लेकिन सवालों के जवाब नहीं मिले। अधिकारी पार्षदों को जवाब नहीं देना चाह रहे हैं। कुछ पार्षदों ने आरोप लगाया कि उनके सवाल को सुझाव में तब्दील कर दिया गया और कुछ ने कहा कि उनके प्रश्नों को शामिल नहीं किया गया। सचिव सचिवालय अशोक सिंह ने कहा कि एजेंडा जारी होने से पहले जिनके सवाल मिल गए थे उनको शामिल किया गया।

  • ठेके उठते नहीं, लेकिन वसूली नगर निगम कर रहा
    उपसभापति कुलदीप पांडेय ने विज्ञापन नियमावली को लेकर नगर निगम के अफसरों को कठघरे में खड़ा किया। कहा कि विज्ञापन नियमावली के तहत पिछले दो सालों में कितना प्रीयिम शुल्क लिया गया, 2022 से अब तक कितने ठेके उठाए गए, कितनी नगर निगम को आय हुई। अवैध होर्डिंग बैनर उतरवाने को कितने नोटिस जारी हुए। वर्तमान समय में कितने यूनीपोल लगाए गए और कितना पैसा आया और प्रीमियम शुल्क कितना मिला इसको लेकर सवाल पूछे। कहा कि कमेटी में पार्षद को शामिल किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विज्ञापन की प्रभारी रहीं सहायक नगर आयुक्त पूजा श्रीवास्तव ने उपसभापति के सवालों का जवाब दिया, लेकिन सभी बिंदुओं पर उत्तर नहीं मिला। उपसभापति ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में सैकड़ों ऐसे स्थल हैं जहां पर ठेका नहीं उठता है, लेकिन होर्डिंग लगता है और वसूली होती है। इसका फंड कहां जा रहा है? इसको लेकर सदन में पार्षदों ने जमकर हंगामा किया।
    जैम पोर्टल से जलकल विभाग में पिछले दो सालों में की गई खरीद को लेकर उपसभापति ने सवाल किया। जलकल विभाग पर कई गंभीर आरोप लगे। दुबे इंटरप्राइजेज को अधिकांश काम दिए गए हैं। एक कंपनी कोलकाता की दिखाई गई है, जबकि दुबे इंटरप्राइजेज का नंबर समान है। जैम पोर्टल पर अलग- अलग फर्म बनाकर कम गुणवत्ता वाली पाइपों को खरीदा गया है। कई मामलों में दस्तख्त अफसरों के मिलान नहीं कर रहे हैं। नगर आयुक्त अमित आसेरी ने कहा कि नियम विरुद्ध जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
  • दीपावली से पहले स्ट्रीट लाइटें क्यों नहीं लगीं
    महानगर में दीपावली से पहले स्ट्रीट लाइट नहीं लगने पर सदन में भाजपा, सपा, बसपा के पार्षदों के ने हंगामा कर दिया। पार्षदों ने मेयर प्रशांत सिंघल से पूछा कि दीपावली से पहले स्ट्रीट लाइटें क्यों नहीं लगाई जा रही हैं? नगर निगम की ओर से कहा गया था कि दीपावली से पहले लाइटें लगाई जाएंगी। पहली बार ऐसा हो रहा कि दीपावली पर वार्डों व मोहल्लों में अंधेरा रहेगा। मेयर ने अफसरों से जवाब मांगा। पथप्रकाश विभाग के एक्सईएन अजय कुमार राम ने अभी तीन दिन पहले ही चार्ज लिया है। एक्सईएन ने कहा कि ईईएसएल से वार्ता हो चुकी है दीपावली से पहले कुछ लाइटें लगाई जाएंगी और कुछ सही कराई जा रही हैं। पार्षदों ने कहा कि दीपावली में पांच दिन शेष है ऐसे में कितनी लाइटें लगा दी जाएंगी। पार्षद संजय पंडित ने कितनी लाइटें लगाई गई और कितनी उतरवाकर रखी गईं इसका ब्योरा मांगा जवाब आया कि स्टोर कीपर सूचना नहीं दे रहे हैं। जवाब पर प्रकाश निरीक्षक का नाम था। विभागाध्यक्ष के हस्ताक्षर नहीं थे। पार्षद ने पूछा कि प्रकाश निरीक्षक कौन हैं और किस पद पर हैं? पार्षद संजय पंडित ने कहा कि पथप्रकाश विभाग व कर्मचारियों के वेतन में अनियमित्ता को लेकर शासन जाएंगे। जीआईएस सर्वे को रखे गए कर्मचारी नगर निगम 50 हजार रुपये महीने वेतन दे रहा है इसको किस मद से पैसा दिया जा रहा है। नगर आयुक्त ने कहा कि जिसका जिस स्किल का काम है उसको उसी अनुसार वेतन दिया जा रहा है। डाटा एंट्री ऑपरेटर का वेतन, हार्डवेयर इंजीनियर, प्रोग्राम मैनेजर का वेतन अलग-अलग होता है। आवश्यकता अनुसार रखे जाते हैं। भर्तियां किसी से पूछकर नहीं की जाती हैं।
    भाजपा पार्षद पुष्पेंद्र जादौन ने सवाल किया कि नगर निगम ने दो सौ सफाई कर्मचारियों को रखा, लेकिन पार्षदों से एक बार भी नहीं पूछा। कहा कि हमारे वार्ड व मोहल्ले में भी ऐसे सफाई कर्मचारी रहते हैं, जिनको रखा जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कहा कि सफाई कर्मचारियों का सत्यापन पार्षद किस वार्ड में कर रहे हैं जो सफाई कर्मचारी रखे गए हैं उनकी सूची दी जाए।
  • अपर नगर आयुक्त द्वितीय रितु पुनिया के बोलने पर भड़के पार्षद
    अपर नगर आयुक्त द्वितीय रितु पुनिया ने कहा कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने नियम विपरीत जाकर नई व्यवस्था का पत्र जारी किया था, जिसको लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई को संस्तुति की गई है। नाला गैंग को दो माह के लिए बढ़ाया गया है। भर्ती नियमानुसार व शासनादेश के अनुसार की जाती है इसमें किसी से पूछा नहीं जाता है। इसीको लेकर पार्षद भड़क गए। पार्षदों ने नगर निगम मुर्दाबाद व नगर आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। सदन के बाहर भी बैठकर हंगामा किया। कहा कि नगर निगम के अफसर संवाद सही नहीं कर रहे हैं।
  • एक ठेकेदार को पुलिया निर्माण का ठेका देने पर भड़का सदन
    निर्माण विभाग ने 90 वार्ड में पुलिया की मरम्मत कराने के लिए एक ठेकेदार को टेंडर जारी किया हैं। इसको लेकर पार्षदों ने कड़ी आपत्ति जाहिर की और कहा कि पांच साल में भी पुलिया एक ठेकेदार नहीं बना पाएगा। संदन में हंगामा बढ़ता देख नगर आयुक्त अमित आसेरी ने मुख्य अभियंता सुरेश चंद से जानकारी मांगी। चीफ इंजीनियर ने कहा कि 13 ठेकेदारों ने बिड डाली थी, जिसमें एक की बिड सबसे कम थी इसलिए उसको ठेका दिया गया। ऐसा समिति में हुआ था अकेले का निर्णय नहीं था। मेयर प्रशांत सिंघल ने कहा कि कुटेशन के आधार पर एक माह के भीतर क्षतिग्रस्त पुलिया को ठीक कराया जाए। पार्षदों ने सदन में खुलेआम कह दिया कि चीफ इंजीनियर को स्मार्ट सिटी का काम दिया गया है, जिसके कारण निगम के काम बंद हो गए हैं। चीफ इंजीनियर से स्मार्ट सिटी का प्रभार वापस ले लिया जाए।
  • हाउस टैक्स के नाम पर आर्थिक शोषण बंद हो
    पार्षदों ने कहा कि हाउस टैक्स के नाम पर फील्ड में कर्मचारी करदाताओं का आर्थिक शोषण कर रहे हैं इसको बंद किया जाए। पार्षदों के पास लगातार शिकायतें आ रही हैं। 15 दिन साफ्टवेयर में खराबी के कारण लोग परेशान रहे। आपत्तियों के निस्तारण, टैक्स निर्धारण समेत अन्य कार्यों को लेकर जनता को परेशान किया जा रहा है।

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