इगलास। मेला वसंत पंचमी में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन बलवीर सिंह बेचैन के संयोजन में किया गया। शुभारंभ डा. नरपतिदेव भारद्वाज व मेला अध्यक्ष महेश वर्मा ने किया। कवियत्री सीमा पुंडीर ने मां शारदे की कविता प्रस्तुत की। अतुल पुंडीर ने सभी एक से इंसान नहीं होते। चच्चा उदयभानी ने हिंदू, मुस्लिम एक समझू। गणेश शंकर विद्यार्थी ने लहू की प्यासी अग्निशिखा सी जो तलवार नहीं होती। मणिमधुकर मूसल ने हास्य व्यंग सुनाकर श्रोताओं को लोट पोट किया। सतीश एकांत ने बटे हम जातियों में तो कभी हिंदू नहीं होंगे। रवि रंजन ने सामाजिक व्यवस्थाओं पर कुठाराघात करते हुए कविता पढ़ी। संचालन अवशेष कुमार ने किया।
