- ममता बनर्जी की सरकार को किया जाए बर्खास्त : राहुल चेतन
अलीगढ़। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं और बच्चों का यौन उत्पीड़न, मानसिक उत्पीड़न, अपमान करना, यह कृत्य पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सह का नतीजा है कि संदेशखाली में टीएमसी के नेता शाहजहां शेख ने आतंक मचा रखा है।
पश्चिम के संदेशखाली की घटना को लेकर शनिवार को महर्षि वाल्मीकि सेना के प्रदेश अध्यक्ष राहुल चेतन के नेतृत्व में रामलीला ग्राउंड पर प्रदर्शन कर महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा, 2 घंटे प्रदर्शन के बाद एसीएम प्रथम के अनुरोध पर ज्ञापन गांधी पार्क थाना प्रभारी ने ज्ञापन लिया। प्रदर्शन में महिलाओं की बड़ी भागीदारी रही।
महर्षि वाल्मीकि सेना महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष मंजू चौहान वाल्मीकि ने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार अंधी, गूंगी और बहरी है जिसे महिलाओं और बच्चों की बिल्कुल भी चिंता नहीं है, पश्चिम बंगाल में अपराध चर्म सीमा पर है, इसलिए राष्ट्रपति शासन पश्चिम बंगाल में लगना चाहिए। गीता मित्तल और रेनू वार्ष्णेय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जंगलराज है, महिलाएं वहां सुरक्षित नहीं है। इस घटना क्रम में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग एससी,एसटी आयोग ने अपनी रिपोर्ट में जो कहा है कि हम उसका स्वागत करते हैं, जल्द ही पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को बर्खास्त किया जाए।
महर्षि वाल्मीकि सेना के प्रदेश अध्यक्ष राहुल चेतन ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की घटना बहुत ही चिन्ताजनक है। ममता बनर्जी एक समुदाय विशेष को हिंदुओं के खिलाफ षड्यंत्र है, पश्चिम बंगाल में दलितों, पिछड़ों और बच्चों पर आएदिन अत्याचार होते है, जिसका महर्षि वाल्मीकि सेना विरोध करती है।
ज्ञापन में मांग की गई है कि पश्चिम बंगाल में तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए, पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की घटना को कानूनी स्तर पर दूसरे राज्य में स्थानांतरण कर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। पश्चिम बंगाल में महिलाओं और पीड़ित लोगों के लिए एक हैल्पलाइन नंबर जारी किया जाए, जिससे स्वतंत्र होकर कोई भी पीड़ित अपनी बात कानूनी तौर से कर पाए। घटना में शामिल सभी दोषियों को फांसी की सजा हो तथा दोषियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया जाए और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग एससी एसटी आयोग की रिपोर्ट को गंभीरतापूर्वक लेकर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन तत्काल प्रभाव से लगाया जाए। ममता बनर्जी की सरकार को बर्खास्त किया जाए।
ज्ञापन देने वालों में मुकेश राजपूत, आलोक याग्निक, प्रतीक रघुवंशी, डॉ. ज्ञानेंद्र दीवान, राजकुमार सिंह, केशव चौधरी, विपिन उज्जैनवाल, चंद्र प्रकाश, विनय वाल्मीकि, अंकुश वाल्मीकि, चंचल वाल्मीकि, राजेंद्र चौहान, प्रेमदास, सुनील वाल्मीकि, मनोज चौहान, रवि वाल्मीकि, कमल राजपूत, रोहित वाल्मीकि, शानू, मोहन चौटल, देवानंद, अनिल वाल्मीकि, अजय चेतन, सनी वाल्मीकि, निशांत चौहान, मुरारी लाल, विजेंद्र बाबा, करन आदि महर्षि वाल्मीकि सेना के पदाधिकारी व कार्यकर्ता रहे।