लावारिस शवों का वारिस बन मानव उपकार के 25 वर्ष पूर्ण

अलीगढ़ देश
  • मानव उपकार संस्था का रजत जयंती समारोह 13 जून को
  • राष्ट्रीय एकता व साम्प्रदायिक सौहार्द को समर्पित होगा स्थापना दिवस

अलीगढ़। देश में सर्व धर्म, सम्भाव की अलख को जलाते हुए वास्तविक समाजसेवा में असाध्य कार्यों को भी अंजाम देते हुए सेवा कार्यों के 25वें वर्ष में प्रवेश कर रही प्रमुख सामाजिक संस्था मानव उपकार 13 जून को रजत जयंती समारोह मनाने जा रही है।
25वें स्थापना दिवस समारोह की जानकारी देते हुए संस्था के संस्थापक अध्यक्ष विष्णु कुमार ‘बंटी’ ने बताया कि संस्था का रजत जयंती समारोह 13 जून को गूलर रोड स्थित गायत्री पैलेस बैंक्येट हाल में सायं 6 बजे से भव्यता पूर्वक आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों की विलक्षण प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रजत जयंती समारोह अभूतपूर्व होने के साथ राष्ट्रीय एकता व साम्प्रदायिक सौहार्द को समर्पित रहेगा।
संस्थापक सदस्य और चेयरमैन पंकज धीरज ने बताया कि विभिन्न असाधारण सामाजिक कार्यों को करने के साथ संस्था के मानव सेवक अबतक 6 हजार से अधिक सभी धर्मों के लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी है। 11 सौ से अधिक संस्था परिवार के सदस्य विभिन्न प्रकल्पों के सेवा कार्यों से जुड़े हुए हैं।
वक्ताओं ने बताया कि मृत लोगों के सुदूर परिजनों को उनके दर्शन कराने के लिए ह्यूमन बॉडी प्रिजर्व चैम्बर (फ्रीजर), अंतिम यात्रा वाहन, मोक्ष वाहन आदि का सहयोग भी सवा चार हजार से अधिक परिवारों को प्रदान किया जा चुका है। साथ ही विगत एक वर्ष से निरंतर अन्नपूर्णा भोजन थाली के द्वारा करीब एक लाख से अधिक मरीजों, तीमारदारों एवं राहगीरों को उपलब्ध कराया जा चुका है। अन्य सामाजिक कार्यों के अलावा संस्था द्वारा भोजन वितरण कार्य भी अनवरत जारी है, जिसमें महानगर अध्यक्ष गिर्राज शर्मा, सत्य नारायण दीक्षित आदि जुटे हुए हैं।
संस्था के पदाधिकारी ओपी वर्मा ने बताया कि नुमाइश मैदान स्थित मुक्तिधाम में सौन्दर्यीकरण कार्य भी प्रगति पर है और शीघ्र एलपीजी युक्त अत्याधुनिक शवदाह यंत्र एएससीएल के सहयोग से संस्था को संचालित हेतु प्रदान किया जा रहा है, जिससे लकड़ियों का दोहन भी बचेगा।
महिला अध्यक्ष आभा वार्ष्णेय ने बताया कि इस बार रजत जयंती समारोह में वृंदावन एवं दिल्ली में अंतिम संस्कार कर रहीं महिलाओं को प्रोत्साहन स्वरूप सम्मान हेतु आमंत्रित किया गया है, जिससे कि महिलाएं भी समाजसेवा के कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग ले सकें।
कार्यक्रम के मुख्य सहयोगी एवं संस्थापक सदस्य प्रवीण वार्ष्णेय गप्पू ने बताया कि इस कार्यक्रम में साम्प्रदायिक सौहार्द का महत्वपूर्ण सम्मान ‘राम-रहीम पुरस्कार’ भी दिया जाएगा। इस दौरान संस्था संरक्षक स. खजान सिंह, उमेश सरकोड़ा, भवानी शंकर शर्मा, हरिकृष्ण मुरारी शर्मा, फैज मोहम्मद, शकील अहमद, जितेंद्र टीडी, राजीव धर्मकांटा, विवके अग्रवाल चॉकलेट, जगदीश गुप्ता आदि उपस्थित थे।

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