- श्रावण महीने में कालसर्प दोष निवारण अधिक प्रभावशाली: आचार्य
अलीगढ़। वैदिक ज्योतिष संस्थान के तत्वावधान में सर्व कल्याण हेतु कुंडली में ग्रहों की युति से बनने वाले काल सर्प एवं पितृ दोष निवारण अनुष्ठान का आयोजन सम्पन्न किया जा रहा है जिसके उपलक्ष्य में संस्थान के सचिव आचार्य गौरव शास्त्री ने सदस्यों से बैठक कर अनुष्ठान की रुपरेखा एवं तमाम पहलुओं पर चर्चा की।
सात अगस्त से नौ अगस्त तक चलने वाले कालसर्प दोष अनुष्ठान के विषय में आचार्य गौरव शास्त्री ने बताया कि वैदिक ज्योतिष संस्थान द्वारा कुछ वर्ष पहले प्रादेशिक स्तर पर निशुल्क किया जाता था,जिसमें प्रदेश के कई जिलों के साथ अन्य प्रदेशों से पंजीकरण आते थे और सम्मिलित होने वाले जातकों को पूजा का फल मिलता था। योग्य विद्वान ब्राह्मणों दो दिवसीय अनुष्ठान शहर में करने के उपरांत अंतिम दिन की पूजा गंगा के किनारे घाट पर की जाती थी,लेकिन बड़े स्तर पर यह आयोजन होने के कारण भक्तों की सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए यह आयोजन प्रायः बंद कर दिया गया है। परन्तु इस बार इस दोष से पीड़ित कई व्यक्तियों के अनुरोध और समाज कल्याण के उद्देश्य से केवल चुने हुए 25 से 30 व्यक्तियों हेतु इस अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा जिसमें शामिल होने वाले लोगों की संख्या लगभग पूर्ण हो चुकी है,इनके दो दिन तक खाने पीने एवं पूजा सामान की पूरी व्यवस्था वैदिक ज्योतिष संस्थान द्वारा की जाएगी।उन्होंने बताया कि कालसर्प दोष निवारण हेतु पूजा वैसे तो वर्ष के किसी भी महीने में की जा सकती है, परंतु श्रावण मास में की गयी पूजा का अनेक गुना फल मिलता है। बैठक में रजनीश वार्ष्णेय, तेजवीर सिंह, राहुल सिंह, पवन तिवारी, सुमित वर्मा, कपिल शर्मा, शिब्बू अग्रवाल, शिवम शास्त्री, प्रमोद सिंह, ब्रजेन्द्र वशिष्ठ आदि उपस्थित रहे।