अलीगढ़। महर्षि याज्ञवल्क्य सेवा संस्थान के ज्योतिषाचार्य प्रकाश शास्त्री ने बताया कि गोवर्धन पूजा की तिथि की शुरुआत 13 नवंबर की दोपहर 02ः56 पर शुरू हो जाएगी। वहीं यह तिथि 14 नवंबर को 02ः36 तक रहेगी। वहीं उदयातिथि के कारण गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को मनाया जाएगा, लेकिन 14 नवंबर को भाई दूज के पर्व के कारण आप 13 नवंबर के शुभ मुहूर्त में भी गोवर्धन पूजा कर सकते हैं। इसके अलावा 14 नवंबर को भी सुबह गोवर्धन पूजा की जा सकती है। क्योंकि भाई दूज की तिथि 14 नवंबर को 02ः00 बजे के बाद शुरू होगी। सुबह के समय गोवर्धन की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा करने का शुभ मुहूर्त 14 नवंबर की सुबह 06ः43 से शुरू होकर 08ः52 तक रहेगा। इस दौरान आप 2 घंटे के दौरान पूजा-पाठ कर सकते हैं। गोवर्धन पूजा में गाय के गोबर का गोवर्धन पर्वत बनाया जाता है।
ज्योतिषाचार्य प्रकाश शास्त्री ने गोवर्धन पूजा की जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले गोवर्धन पूजा शुरू करने के लिए आप गाय के गोबर से एक पर्वत बनाएं। गोबर से भगवान गिरिराज की आकृति बनाकर उसमें पशुओं की आकृति बनाएं। फिर गोवर्धन पर्वत के पास तेल का दीपक जलाकर रखें। इसके बाद चावल, चंदन, केसर, फूल, हल्दी और कुमकुम अर्पित करें। इस दौरान अन्नकूट में मिठाई का भोग लगाया जाता है। फिर इसको प्रसाद के तौर पर बांटा जाता है। भगवान गिरिराज को खील, बताशा आदि चढ़ाएं और फिर प्रार्थना करें और गोवर्धन पूजा की कथा पढ़ें, तत्त्पश्चात् गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा करें।
