अलीगढ़। देहदान कर्त्तव्य संस्था ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अंगदान जागरूकता सभा जो मलखान सिंह अस्पताल के सभागार पर मंगलवार को आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता डॉ. एसके गौड़ ने की।
डॉ. एसके गौड़ ने कहा कि अंगदान के प्रति प्रधानमंत्री व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री काफी सजग हैं। संस्था पिछले 5-6 वर्षों से निर्बाध प्रयासरत है। अभी तक 250 लगभग सदस्य संकल्पित हो चुके हैं, लगभग 54 पार्थिव शरीर के नेत्रदान करा चुकी है। उन्होंने नेत्रदान क्यूँ करना चाहिए व कैसे होता है? सरल भाषा में समझाते हुए सभी का आह्वान करते हुए कहा कि यही रास्ता है कि दुनियां से जाते जाते कुछ समाज के लिए हो गया व मरणोपरांत जीवित रह सकते हैं।
इंजी. योगेश शर्मा ने कहा कि उत्तर भारत में अंगदान काफी कम होता है। तमिलनाडु व पश्चिम बंगाल में काफी अच्छा प्रयास हो रहा है। तमिलनाडु सरकार तो विचार कर रही है। संकल्पित व्यक्ति के घर वाले तैयार ना भी हों तब भी दान हो सके। डॉ. एके शर्मा नेत्र विशेषज्ञ ने कहा कि मोतियाबिंद वाले भी दान कर सकते हैं। इस दौरान भुवनेश वार्ष्णेय, सुरेश चंद्र गर्ग, दामोदर दिलीप वार्ष्णेय, किरण वार्ष्णेय, अजय राणा, सौरभ अग्रवाल एड0, सुबेदार सिंह राघव, सावित्री देवी, आभा वार्ष्णेय, प्रिंस प्रताप सिंह आदि सहयोगी बने।
