- ऑनलाइन उपस्थिति थोपी तो आर पार की लड़ाई लड़ेंगे शिक्षक : राजेश चौहान
अलीगढ़। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला कार्यकारिणी द्वारा आवाहन करने पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के सभी विकास खण्ड के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर ऑनलाइन अटेंडेंस के विरोध में विशाल धरना प्रदर्शन किया, जिसकी अध्यक्षता डॉ. राजेश चौहान जिलाध्यक्ष एवं संचालन सुशील कुमार शर्मा जिला महामंत्री ने किया। विशाल धरने को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने शिक्षकों की मांगों को लेकर अपने-अपने विचारों को रखते हुए इन मांगों को पूरा करने के लिए अपनी आवाज बुलंद की।
जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश चौहान ने कहा कि धरने से पूर्व विभाग को ज्ञापन के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध किया जा चुका है, उसके बाद आज यह मंत्र 2 घंटे का सांकेतिक धरना दिया जा रहा है। इसके माध्यम से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा शासन प्रशासन को धरने की सूचना दी जा रही है यदि इसके उपरांत उन्होंने शिक्षकों पर ऑनलाइन उपस्थिति थोपी तो निश्चित रूप से शिक्षक आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं जिसका परिणाम शासन प्रशासन को भुगतना पड़ेगा।
विकास खण्ड लोधा के अध्यक्ष विपुल राजौरा ने कहा कि सरकार द्वारा जो दमनकारी नीतियां बनाई जा रही हैं, वह पूर्ण रूप से व्यवहारिक नहीं है। ऑनलाइन उपस्थिति देने के बीच में अगर किसी शिक्षक या अन्य कर्मचारियों को किसी आवश्यक सूचना या परेशानी के कारण स्कूल से जाना पड़ा तो वह किस प्रकार जाएगा। इसलिए सरकार को हाफ डे अवकाश का प्रबंध करना चाहिए।
विकासखंड लोधा के ब्लॉक मंत्री सुमित कुमार सिंह ने शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारी के बुढ़ापे की लाठी है।
विकास खंड धनीपुर के ब्लॉक अध्यक्ष संजय भारद्वाज ने कहा कि शिक्षकों के कंधों पर विद्यालयों को चलाने के लिए शिक्षण के अलावा बहुत सारे कार्य हैं, जिनको वह पूर्ण निष्ठा और सत्यता के साथ निर्वहन करता है।
विकास खंड धनीपुर के ब्लॉक मंत्री मनोज वार्ष्णेय ने सरकार से मांग की है कि शिक्षकों को वर्ष में 30 ईएल की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे शिक्षक अपने परिवार पर आने वाली परेशानियों विवाह, चिकित्सा आदि हेतु उनको ले सके।
विकासखंड लोधा की कोषाध्यक्ष मेघा जैन ने शिक्षक, शिक्षिकाओं, शिक्षामित्र, अनुदेशकों को एकजुट होकर ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध करने के लिए लड़ने का आवाहन किया।
विकास खंड इगलास के ब्लॉक अध्यक्ष सूरज सिंह ने फेस रिकॉग्निशन महिला शिक्षकों और अवयस्क बच्चों की निजता का हनन बताते हुए एआई से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में शिक्षक समुदाय को उससे अवगत कराया और विरोध किया।
विकास खंड चंडौस के ब्लॉक अध्यक्ष चतुर्भुज चौहान ने सरकार से मांग की कि शिक्षकों को सरकार राज्य कर्मचारी वर्ग में नहीं मानती है, इसलिए शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा मिलना चाहिए।
यशपाल बिष्ट ने सरकार से मांग की कि शिक्षकों को शिक्षक ही रहने दिया जाए उनसे शिक्षण के अलावा कोई भी कार्य न लिया जाए। विकास खंड जवां से मनु आदित्य ने कविताओं के माध्यम से सरकार की अव्यवहारिक नीतियों से शिक्षकों के परेशान रहने पर समाज में होने वाली अव्यवस्थाओं पर प्रकाश डाला।
विकास खण्ड बिजौली के ब्लॉक अध्यक्ष डॉ. उपेंद्र बघेल ने विद्यालयों की सुरक्षा हेतु चौकीदार की नियुक्ति हेतु सरकार से मांग की जिससे सरकारी संपत्ति की सुरक्षा की जा सके।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश चौहान एवं जिला महामंत्री सुशील कुमार शर्मा के नेतृत्व में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन दिया गया। जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश सिंह चौहान ने कहा कि अभी तो यह शुरुआत है, अभी बहुत लंबी लड़ाई लड़नी है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने धरने में उपस्थित सैकड़ो शिक्षकों को अनुशासन में रहते हुए अपनी बात रखने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उनकी मांगों को शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आश्वस्त किया कि जल्द ही जितने भी शिक्षकों के अवशेष बकाया है या जिनका वेतन कटा हुआ है उन सभी का निस्तारण इसी माह समाधान दिवस में कर दिया जाएगा।
धरने में आए शिक्षकों में सतीश चौहान, बृजपाल सिंह, राहुल पुरोहित, गीतिका, नीतिका वार्ष्णेय, विनीता, वर्षा सक्सेना, मीनाक्षी शर्मा, उमेश वर्मा, पुष्पा वर्मा, दक्षप्रिया, प्रीति शर्मा, सुनीता गुप्ता, स्मिता गुप्ता, राजीव दीक्षित, पुष्पेंद्र यादव, मयूर वैष्णव, अशोक शर्मा, राकेश सागर आदि सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं शिक्षामित्र अनुदेशक उपस्थित रहे।