अलीगढ़। श्री वार्ष्णेय मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व, धार्मिक आस्था और हर्षोल्लास के साथ हर वर्ष मनाया जाता है। इस वर्ष भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाने की सभी तैयारियां जोरों पर हैं। 7 सितम्बर को यह कार्यकम धूमधाम से मनाया जाएगा।
श्री वार्ष्णेय मंदिर के व्यवस्थापक राधेश्याम गुप्ता एवं प्रवक्ता भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक ने बताया कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम के लिए सम्पूर्ण मंदिर प्रांगण को सतरंगी लाइटों से दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। श्री वार्ष्णेय मंदिर के उन्नत शिखर पर विशालकाय भगवा अपनी छटा बिखेरेगा। वहीं सम्पूर्ण मंदिर परिसर में केसरिया पताकाएं फहराई जा रही हैं। फूल बंगले में महकते वातावरण में पालने में झूलते आकर्षण का केंद्र रहेंगे। खुद बाल रुप में लड्डू गोपाल जी के भक्तों में तो पालना झुलाने की होड़ ही लगी रहती है। उन्होंने बताया कि द्वादश ज्योतिर्लिंग की झांकी के दर्शन, नंद गांव की गौशाला में गौमाता के साथ श्री कृष्णजी की झांकी के साथ साथ, मुख्य आकर्षण के रूप मे चंद्रयान 3 की सफलता के कारण देशभक्ति की भावना के उफान को देखते हुए चंद्रयान की झाँकी को शामिल किया गया है। आदित्य एल वन की झांकी भी दर्शनीय रहेगी। इनके अलावा कई जीवंत झाँकियाँ भी अपनी छटा बिखेरेंगी। उन्होंने बताया कि इस विशेष अवसर पर मथुरा वृंदावन के कारीगरों द्वारा ठाकुर जी समेत सभी विग्रहों की आकर्षक पोशाक तैयार की जा रही हैं।
भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम का शुभारम्भ 7 सितम्बर 2023 को प्रातः 9ः30 बजे लडडू गोपाल जी के दुग्धाभिषेक से होगा। उन्होंने बताया कि फूल बंगला के मध्य दर्शन व सांय काल ठाकुर जी की आरती होगी। रात्रि में 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म के समय दुग्धभिषेक होगा। तदुपरांत वासुदेव जी कान्हा जी को सूप में रखकर यमुना पार कर नंदबाबा के यहाँ छोड़कर आयेंगे। कन्हैया की इस अद्भुत लीला को देखने दूर दूर से भक्त श्री वार्ष्णेय मंदिर पहुंचेंगे।
