अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय के सुमंगलम हॉस्टल में जन्माष्टमी पर्व पर सोलह कलाओं तथा 64 विद्याओं में पारंगत, चक्र सुदर्शन धारी भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव परंपरागत और उल्लास पूर्वक मनाया गया। गुरुवार की देर रात्रि हुए कार्यक्रमों में मानों द्वापर का दृश्य जीवंत हो उठा, जब गोपी व ग्वाल बने छात्र-छात्राएं श्रीकृष्ण के रंग में रंग कर नाचने-गाने लगे तो सभी लोग भक्ति में भाव विभोर हो उठे। एक ओर मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ तो दूसरी ओर भक्ति रस से सराबोर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. पीके दशोरा व कुलसचिव बिग्रेडियर समरवीर सिंह ने विधि विधान से पूजन करके किया। डा. पीसी शुक्ला व डा. सौरभ मिश्रा ने मंत्रोच्चारण के साथ विघ्नहर्ता प्रथम आराध्य श्री गणेश के पूजन के साथ ही बाल कृष्ण की मूर्त को स्थापित कराया। कुलपति ने भगवान श्रीकृष्ण की महानता का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्री राम आदर्श व्यक्तित्व के प्रतिनिधि थे तो वहीं श्री कृष्ण पूर्ण अवतार थे। उन्होंने सर्वोत्तम पुरुषार्थ से महानता प्राप्त की थी। सभी को श्रीकृष्ण के उच्च जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में पुरुषार्थ करना चाहिए। वहीं कुलसचिव ने जन्माष्टमी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़े उल्लास के साथ मनाया गया है। जिन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया सभी बधाई के पात्र हैं। मध्य रात्रि को श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप का अभिषेक हुआ और महाआरती की गई। इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया। आयोजन में प्रो. सिद्धार्थ जैन, प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत, भावना राज, डा. राजीव रंजन का सहयोग रहा। संचालन कुमकुम व साहस ने किया। दया, शिवम, नंदनी, विशाल, पारुल, अंजली ने व्यवस्था संभाली। मुस्कान शर्मा, ज्योति शर्मा शिक्षक उपस्थित रहे।
