अलीगढ़। हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची अलीगढ़ में पत्रकारों से रूबरू हुईं। उन्होंने बताया कि स्वामी प्रसाद, राजभर व स्टालिन जैसे लोग हिंदू धर्म को लेकर बकवास कर रहे हैं। यह हिंदू धर्म के गद्दार लोग हैं। साध्वी प्राची रविवार को पंचनगरी सासनीगेट क्षेत्र में महंत योगेश माहौर की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने आईं थी। बरसात के चलते वह अपने निर्धारित कार्यक्रम से काफी देरी से पहुंची। श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि हिंदू व सनातन धर्म को लगातार टारगेट किया जा रहा है। वह स्वामी प्रसाद के बयान पर बोलीं कि इन जैसे लोग पहले भाजपा की मलाई चाटते हैं और फिर बकवास करते हैं, यह बे-पेंदी के लौटे हैं, जो एक जगह लगातार टिकते ही नहीं हैं। इन गद्दार लोगों को हिंदू धर्म से ही बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर साध्वी ने कहा कि कोई कुछ भी कह लें और कुछ भी कर लें, 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही बनेंगे।
- मंदिर की छत पर आत्महत्या को चढ़ी वृद्धा
साध्वी प्राची जिस स्थल पर महंत की मृत्यु पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने पहुंची थी, जहां रविवार को श्रद्धांजलि सभा शुरू होने से पहले हंगामा काफी भी हुआ। दरअसल श्रद्धांजलि सभा गोरखनाथ मंदिर, पंचनगर श्मशान के नजदीक रखी गई थी। मंदिर में शोकसभा होने का विरोध वहां रहने वाली माई 85 वर्षीय प्रेमनाथ सहित स्थानीय लोगों ने विरोध किया। विरोध करने वाले पक्ष का कहना था कि महंत का मंदिर से कोई लेना-देना नहीं था, इसलिए उनकी श्रद्धांजलि मंदिर में नहीं होगी। विरोध करते हुए वृद्धा प्रेमनाथ माई मंदिर की छत पर चढ़ गईं और कहने लगीं कि अगर शोकसभा मंदिर में हुई तो वह कूदकर आत्महत्या कर लेंगी। विरोध के चलते सड़क पर ही श्रद्धांजलि सभा कर ली गई।
महंत योगेश माहौर की मृत्यु एक सप्ताह पूर्व ही हुई है, तब उनकी मृत्यु को लेकर सवाल खड़े हुए परिजनों व समर्थकों ने हत्या का आरोप लगाया था, जिसके बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया था, जिसमें मृत्यु की वजह ब्रेन हेमरेज होना आया था। इस मामले में महंत पक्ष की ओर से पूर्व पार्षद, पूर्व प्रधान, ट्रांसपोर्टर, वृद्ध माई सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया था, जिसके चलते राजनीति दोनों पक्षों की तरफ से राजनीति चल रही है। इस पर साध्वी प्राची ने कहा कि कुछ लोगों ने शोक सभा में अभद्रता की थी, उनको मना लिया गया था।