स्वदेश की संस्कृति और चरित्र को अपनायें छात्र : डॉ. राजीव अग्रवाल

अलीगढ़ उत्तर प्रदेश

अलीगढ़। विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल गोंडा मोड में मंगलवार को कक्षा द्वादश के भैया बहिनों का शुभाशीष कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ, जिसका शुभारम्भ विद्यालय की अध्यक्षा डॉ. उमेश कुमारी, प्रबंधक डॉ. राजीव अग्रवाल, विख्यात कथावाचक सुनील कौशल महाराज, रिटायर्ड प्रवक्ता डॉ. बीपी पांडे, उप प्रबंधक गोपाल कृष्ण अग्रवाल और प्रधानाचार्य अशोक कुमार द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया, तत्पश्चात माँ सरस्वती की वंदना और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
बहन प्रेक्षा के द्वारा स्वागत उद्बोधन किया गया, भैया विवेक सारस्वत और उत्तम मलिक के द्वारा विद्यालय एवं गुरुजनों के साथ बिताए गए पलों को कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया, जिसे सुनकर सभी की आँखें नम हो गई। बहन खुशी, भूमिका, अनुष्का व शिवांगी शुक्ला ने शिक्षकों के प्रति अपनी भावनाएँ प्रस्तुत कीं। बहन माही वार्ष्णेय एवं साक्षी चौधरी ने भी विद्यालय में बिताए गए पलों को भावुक होकर प्रस्तुत किया। आचार्य मदनमोहन ने अपनी कविता के द्वारा बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
विद्यालय के प्रबंधक डॉ. राजीव अग्रवाल ने छात्रों से आह्वान किया कि अगर कड़ी मेहनत करोगे तो सफलता अवश्य प्राप्त होगी, हमें अपनी संस्कृति, सभ्यता को नहीं भूलना है तथा अपने अंदर नम्रता का भाव सहेज कर रखना है। विख्यात कथावाचक सुनील कौशल महाराज ने छात्रों को बताया कि असफलता ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के असफल होने के बाद एक सफल राष्ट्रपति व वैज्ञानिक बनने का वृतांत भी सुनाया। डॉ. बीपी पांडे ने छात्रों से कहा कि विद्या मंदिर के सभी स्कूल संस्कारों के प्रति समर्पित होने के कारण आप सभी भाग्यशाली हैं। यहां के छात्रों में नैतिकता कूट-कूट कर भरी होती है। अध्यक्षा डॉ. उमेश कुमारी ने कहा कि आप सभी छात्र विद्या मंदिर द्वारा दिए गए संस्कार को कभी ना भूले क्योंकि मनुष्य के जीवन में संस्कार हमेशा काम आते हैं। उप प्रबंधक गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने छात्रों को बताया कि आज से आपका नया अध्याय शुरू हो रहा है, आपका यश विद्यालय के यश से जोड़ा जाएगा। प्रधानाचार्य अशोक कुमार ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया और कहा कि हमारे विद्यालय में छात्रों की विदाई नहीं होती, बल्कि वह जीवन पर्यंत विद्यालय परिवार का हिस्सा बने रहते हैं। संचालन बहिन गुंजिता व भैया स्वरित के द्वारा आचार्या सुरभि केला व शिखा यादव, आचार्य सत्येंद्र कुमार के नेतृत्व में किया गया। सर्वव्यवस्था प्रमुख दिनेश पाल सिंह व अतुल शर्मा रहे।

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