बाल विकास परियोजना विभाग को मिली करोड़ों की सौगात

अलीगढ़
  • मुख्यमंत्री ने किया 12 आंगनबाड़ी केंद्रों का लोकार्पण व 11 का शिलान्यास

अलीगढ़। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने लखनऊ में 2.90 लाख आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं को यूनिफॉर्म के लिए डीबीटी के माध्यम से 29 करोड़ की धनराशि का अंतरण, 115 करोड़ की लागत से 1359 आंगनबाड़ी केंद्रों का लोकार्पण एवं शिलान्यास, 50 करोड़ की लागत से 171 बाल विकास परियोजना कार्यालयों के शिलान्यास के साथ नन्हें-मुन्ने बच्चों को अन्नप्राशन भी कराया। इस मौके पर बेबीरानी मौर्य, मंत्री महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार, प्रतिभा शुक्ला राज्यमंत्री महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार भी उपस्थित रहीं।
लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम का कलक्ट्रेट में सजीव प्रसारण भी कराया गया। कलक्ट्रेट में जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह, विधायक मुक्ता संजीव राजा, जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह, एडीएम वित्त मीनू राणा, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रेयस कुमार, सहायक निदेशक सूचना संदीप कुमार, सीडीपीओ एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां उपस्थित रहीं।
जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में प्रदेश की तस्वीर बदल रही है, फिर चाहे विद्यालय हों या आंगनबाड़ी केंद्र। विद्यालयों में छात्र- छात्राएं अच्छे माहौल में खेल सामग्री, फर्नीचर का सदुपयोग कर निःशुल्क ड्रैस, पाठ््य पुस्तकों, एमडीएम के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को यूनिफॉर्म के लिए डीबीटी के माध्यम से धनराशि प्राप्त कराई जा रही है। विधायक शहर मुक्ता राजा ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्टफोन देकर संचालित हर गतिविधि को अपलोड कर पूरी पारदर्शिता के साथ विभागीय योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि जिले के 12 आंगनवाड़ी केंद्रों का लोकार्पण एवं 11 का शिलान्यास किया गया है। जनपद में नये आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के साथ ही कायाकल्प योजना से भी पुराने केंद्रों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे आंगनबाड़ी केंद्र जितने सशक्त और समृद्ध होंगे उसका उतना ही ज्यादा लाभ हमारे नौनिहालों, गर्भवती माताओं और किशोरियों को मिलेगा। प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों का कायाकल्प करने के लिए कृत संकल्पित है। मुख्यमंत्री द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को बहुत बड़ी सौगात दी गयी है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रेयश कुमार ने बताया कि 6 माह तक बच्चों को मां का दूध ही पिलाएं, 6 माह के बाद ऊपरी आहार दें। गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखें और नियमित रूप से आयरन व कैल्शियम की गोली लें। गर्भावस्था में लिए गये खानपान का असर जन्म लेने वाले बच्चे पर पड़ता है और उसके कुपोषण से लड़ने की क्षमता विकसित होती है। कार्यक्रम में एडीएम वित्त मीनू राणा, बाल विकास परियोजना अधिकारी शहर आशीष कुमार, मुख्य सेविका नवनीत शर्मा, श्वेता शम्मी, अनीता कुमारी उपस्थित रहीं।

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