अलीगढ़। विद्या भारती द्वारा संचालित खैर रोड स्थित सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सैकेण्ड्री स्कूल में सोमवार को सुब्रहमण्यम भारती की जयंती बड़े ही उल्लास के साथ मनाई गई। यह कार्यक्रम सीबीएसई द्वारा अनुदेशित ‘भाषा अनेक भाव एक’ कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूकता हेतु मनाया गया, जिसका उद्घाटन डॉ. वीपी पाण्डेय (सेवानिवृत प्रवक्ता श्री वार्ष्णेय महाविद्यालय), डॉ. राजीव अग्रवाल (प्रबंधक सरस्वती विद्या मंदिर), आर्यन भाग प्रचारक (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) एवं और मुकेश राजपूत (महानगर महामंत्री विश्व हिंदू परिषद), अशोक कुमार (प्रधानाचार्य) द्वारा सामूहिक रूप से माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन कर किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा अनुदेशित भारतीय भाषा उत्सव 28 सितंबर से 11 दिसंबर 2023 तक विद्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों एवं गतिविधियों द्वारा मनाया गया। इसी क्रम में प्रख्यात कवि एवं गुमनाम सेनानी सुब्रहमण्यम भारती की जयंती पर छात्र छात्राओं ने भारतवर्ष के अलग-अलग राज्यों की वेशभूषा धारण की और विभिन्न राज्यों के भोजन की प्रदर्शनी लगाई और राज्यों की अलग-अलग भाषा बोली बोलकर भाषा प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का आकर्षण बिंदु गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी और प्रख्यात कवि सुब्रहमण्यम भारती का स्वरूप बनी छात्रा परी शर्मा रही।
मुख्य वक्ता डॉ. वीपी पाण्डेय ने कहा कि सुब्रहमण्यम भारती विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। इन्होंने ही वंदे मातरम को तमिल भाषा में अनुवाद करके तमिल का राज्य गीत बनाने में भूमिका निभायी और इन्हीं के नाम पर साहित्य में उत्कृष्ट योगदान देने वालों के लिए ‘सुब्रहमण्यम भारती पुरूस्कार’ की शुरूआत सन 1987 से की गई। विद्यालय के प्रबंधक डॉ. राजीव अग्रवाल ने कहा कि सुब्रहमण्यम भारती से प्रेरणा लेकर साहित्य के क्षेत्र में भी छात्रों को रूचि बढ़ानी चाहिए। उन्होंने गुमनाम विभूतियों को स्मरण कराने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। उन्होंने बताया कि सुब्रहमण्यम भारती ने मात्र 11 वर्ष की अल्पायु में एक बड़े कवि सम्मेलन में पुरूस्कार प्राप्त किया था।
विश्व हिंदू परिषद के महानगर महामंत्री मुकेश राजपूत ने कहा कि सुब्रहमण्यम भारती ने मात्र 7 वर्ष की आयु में कविता लिखकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। भाग प्रचारक आर्यन ने कहा कि सुब्रहमण्यम भारती ने अपनी साहित्य सेवा द्वारा देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रधानाचार्य अशोक कुमार ने कहा कि सभी छात्रों को अलग-अलग प्रांतों की वेशभूषा, खान-पान, रहन-सहन और संस्कृति की पहचान और सम्मान करना चाहिए। उन्होंने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में पोस्टर मेकिंग, कहानी लेखन, कविता लेखन प्रतियोगिता तथा वेशभूषा, भोज्य पदार्थ की प्रदर्शनी लगाई गई।
पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में स्वाति प्रथम, नीतू प्रजापति, काजल द्वितीय एवं तोयषी तृतीय स्थान पर रही। भोजन निर्माण में सृष्टि, अनमोल, खुशी को प्रथम मानसी को द्वितीय और युक्ति तृतीय स्थान पर रही। विष प्रतियोगिता में महाराष्ट्र को प्रथम, गुजरात को द्वितीय और बंगाल व तमिलनाडु को तृतीय स्थान मिला।
कार्यक्रम के आयोजक डॉ. गोपाल स्वरूप पचौरी, सत्येंद्र सिंह, प्रिय सिंह रहे। संचालन नीलम भरद्वाज ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में राजकुमारी, प्रतिभा, राजकुमार रतन प्रभा, पूजा पराशर, मिनाक्षी शर्मा, छाया शर्मा, इंदी गुप्ता, दिव्या, अंजू वार्ष्णेय, सुरभि केला, शिखा यादव, अवतार शर्मा, विशन शर्मा, चिराग गुप्ता, केपी शर्मा आदि का योगदान रहा।
