हम स्वयं को नहीं पहचान रहे हैं यही है तनाव का कारण

अलीगढ़ उत्तर प्रदेश

इगलास। मंगलायतन विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में शुक्रवार को कदम समूह, दृश्य एवं कला विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय ‘मन तथा इंद्रियों का संयम’ था। इस दौरान विद्यार्थी हरे कृष्णा हरे रामा धुन पर मंत्रमुग्ध होकर झूमे।
हरे कृष्णा भक्ति योग सोसाइटी वृंदावन से पधारे मुख्य वक्ता रोहिणी नंदन दास ने विद्यार्थियों को श्रीमद् भगवत गीता के उदाहरण देते हुए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मन तथा इंद्रियों पर संयम रखने के गुर बताए। उन्होंने कहा कि हम मूल कारण को छोड़कर संसार में सबको खुश रखने का प्रयास कर रहे हैं। हम संसार में क्यों आए, हमारा उद्देश्य क्या है, हम बूढ़े क्यों हो रहे हैं यह सवाल हमारे मन में आना चाहिए। हम स्वयं को नहीं पहचान रहे हैं, यही तनाव का कारण है। तनाव को कंट्रोल करने का मंत्र हरे कृष्णा, हरे रामा है। उन्होंने सफलता के नियम बताते हुए कहा कि हिंसा, नशा, जुआ, गलत संबंधों का त्याग करके ही अच्छा व्यक्ति बना जा सकता है और यही सफलता की ओर लेकर जाएगा। विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देकर जिज्ञासाओं का समाधान किया। कुलपति प्रो. पीके दशोरा, कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के समापन के बाद प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम के आयोजन में प्रो. सिद्धार्थ जैन व डा. पूनम रानी रही। वहीं समन्वयक डा. सोनी सिंह, लव मित्तल रहे। इस अवसर पर प्रो. जयंतीलाल जैन, प्रो. रविकांत, प्रो. राजीव शर्मा, प्रो. आरके शर्मा, प्रो. वाईपी सिंह, डा. राजेश उपाध्याय, डा. पीसी शुक्ला, प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत आदि थे। विद्यार्थियों में नितिन तिवारी, राजुल, अलीशा, मनीष, आरती, अब्दुल का सहयोग रहा।

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